शुक्रवार, 13 नवंबर 2009

जनपथ माथै जन नीं दिखै

तिरसा
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जनपथ माथै
जन नीं दिखै
गुरू चेलां सूं 
पढणो सीखै 
कैङो जमानो आयो भाई
हाथी सस्ता 
मूंगा दांत 
चौडे-चौगानां बिकै !


राजघाट 
फूलां नैं तरसै
जीव-जिलफ
रोटी पर बरसै 
कैङो जमानो आयो भाई
पणघट अबै
मरै तिसायो
बाप मर्यां
बेटो मन हरसै !


संसद
वर, वर-वर नै धापी
सदाचार
बखाणै पापी
कैङो जमानो आयो भाई
काण-कायदो
चांद ईद रो
बेटो बाप नैं देवै थापी ! 


धायो,
म्हैं तो धायो भाई
खूणियां तांणी जोङूं हाथ,
पळ-पळ
मर-मर
कद लग जीऊं
थारो-म्हारो इत्तो ई साथ
मंजूर म्हनैं ई मरणो है पण
चावूं
जीवन पैलां भरल्यूँ बांथ ।

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